CBSE Result 2023: टॉपर बनीं कशिश,बेटी के साथ मां ने भी की खूब मेहनत,हर कदम पर रखा बिटिया का ख्‍याल

CBSE Result 2023: टॉपर बनीं कशिश,बेटी के साथ मां ने भी की खूब मेहनत,हर कदम पर रखा बिटिया का ख्‍याल

कशिश सिंह का सपना सिविल सर्विसेज मे जाकर देश की सेवा करना है


सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है जिसमें 12वीं के परिणाम में कला संकाय में कशिश सिंह ने बी बी एस इंटर कालेज मे दूसरे स्थान पर टॉप किया है।कशिश  की इस सफलता में उनके साथ उनकी मां का भी बहुत बड़ा  योगदान है।


बच्चों की सफलता में मां के संघर्ष की कहानी छिपी होती है। यहां भी कुछ ऐसा ही हुआ है।

बेटी कशिश के साथ-साथ मां आशा सिंह ने भी तपस्या किया है।


एक दिन पहले ही निकले 12वीं के परिणाम में कला संकाय में कशिश सिंह ने सफलता के झंडे गाड़े और 94.2 प्रतिशत अंक के साथ कालेज में दूसरा स्थान पाया। कशिश की इस सफलता के पीछे मां आशा सिंह ने कितना कठिन तप किया है या तो वो मां ही जान सकती है या सफलता का परचम लहराने वाली बिटिया।


सुबह 5 बजे से ही शुरू हो जाती थी कशिश की दिनचर्या


बिटिया की सफलता में मां के संघर्ष की कहानी छिपी हुई है। फिर चाहे सुबह 5 बजे उठना हो या देर रात 11-12 बजे तक सोना, एक साए की तरह मां आशा ने बेटी कशिश का ख्याल रखा। बिटिया के साथ मां की भी सुबह होती थी। एक गिलास दूध देकर कशिश को पढ़ने के लिए बिठा देती थीं,मां आशा सिंह जहा एक तरफ डेयरी मे मेहनत करती है वही दूसरी तरफ अपने बच्चो कशिश और छोटे बेटे सत्यम सिंह का भी पूरा ख्याल रखा ।


बेटी को न हो तनाव इसलिए मां सुनाती थी महापुरुषो की कहानियां


इसके बाद घर के दैनिक कार्यों में जुट जाती थीं। सुबह सोकर उठने से लेकर स्कूल जाने, शाम में खेलकूद, फिर पढ़ाई और रात में भोजन के बाद सोने तक कशिश सिंह की मां ने हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखा। पढ़ाई के समय कभी बेटी तनाव में आ जाती तो अपने पास बिठाकर महापुरुषो की कहानिया सुनातीं, जिसके बाद कशिश का मूड बदल जाता। बेटी की सफलता के पीछे है इनका बड़ा योगदान है।



बेटी कशिश सिंह के साथ-साथ मां आशा सिंह और पिता शैलेन्द्र सिंह ने भी किया है तप


 12वीं के परिणाम में कला संकाय में कशिश सिंह ने सफलता के झंडे गाड़े और 94.2 प्रतिशत अंक के साथ कालेज में दूसरा स्थान पाया। श्रेया की इस सफलता के पीछे मां आशा सिंह व पिता शैलेन्द्र सिंह ने कितना कठिन तप किया है या तो वो माता -पिता ही जान सकते है या सफलता का परचम लहराने वाली बिटिया।



मां ने रखा बेटी कशिश के डाइट का खास ख्‍याल


उन्‍होंने अपनी बेटी के डाइट का भी खूब ध्यान रखा। सुबह के नाश्ते से लेकर रात के खाने तक हर कुछ बेटी की पसंद का बनाया। साथ ही स्वास्थ्य का भी रखा ध्यान। मां के इस कठिन समय में पिता शैलेन्द्र सिंह ने भी पूरा साथ दिया। शैलेन्द्र सिंह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड मे कार्यरत हैं।


कशिश बेजीटेरियन है उनको पसंद है  दाल-चावल, सब्जी और दही


12वीं में कला संकाय की टापर कशिश के डाइट का भी मां आशा सिंह ने पूरा ध्यान रखा। खासकर परीक्षा के कुछ महीने पहले से डाइट पूरी तरह से स्वास्थ्यवर्धक दिया। सुबह नाश्ते में क्या देना है, दोपहर का खाना क्या होना चाहिए, रात में कितना और क्या खाना है और सबसे महत्वपूर्ण बेटी की पसंद का था।


आशा सिंह ने बताया कि कशिश  को दाल-चावल, सब्जी और दही  बहुत पसंद है। हर दिन दोपहर के खाने में दाल-चावल, सब्जी और दही जरूर दिया। बीच-बीच में फल आदि भी दिया करती थी। सुबह के नाश्ते में इडली-सांबर, मैगी-पाश्ता होता था। रात में दूध-रोटी और सब्जी अनिवार्य कर रखा था। यह भोजन काफी पौष्टिक होता है और पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में मददगार है।


कशिश की रूटिन में टेबल टेनिस है शामिल*


हालांकि इन सबके बीच जो कुछ भी बनाकर देती थी, बेटी खा लेती है। इनमें से अधिकतर डाइट चार्ट अभी भी वही है। यह आगे की पढ़ाई में भी काम आएगा। श्रेया सुबह चार से पांच बजे के बीच उठ जाती है, सात बजे से स्कूल जाना होता था।


स्कूल से घर आने के बाद शाम चार से छह बजे तक पढ़ाई, इसके बाद अपने छोटे भाई सत्यम सिंह के साथ टेबल टेनिस खेलना रूटीन में शामिल है। शाम सात से रात 11 बजे पढ़ाई के साथ राइटिंग की नियमित प्रैक्टिस होती है।


कशिश सिंह का सपना है सिविल सर्विसेज मे जाना

कशिश सिंह ने बताया कि मेरा सपना है सिविल सर्विस मे जाकर देश व समाज की सेवा करना।जब राष्ट्रीय समाचार पत्र "रूद्र धारा" (RDNEWS) की टीम ने पूछा कि उसके लिए बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है उसके जवाब मे कशिश ने कहा अभी हम 15-16 घंटे पढते है उसके लिए 20 घंटे पढेगे।कशिश को किताबो के पढने मे बहुत गहरी रूचि है और उसमे भी भारतीय इतिहास उनका सबसे प्रिय सब्जेक्ट है ।


कशिश ने अपनी सफलता का श्रेय माता पिता व गुरूजनो को दिया


कशिश ने RD NEWS से बातचीत के दौरान बताया कि इतनी उम्मीद थी कि 95% से अधिक आएगा. लेकिन 94.2%  आए. हालांकि उन्होंने काफी डेडीकेशन के साथ मेहनत की थी.खासकर इस दौरान माता-पिता का बेहद सहयोग रहा. मम्मी ने मेरी काफी मदद की.पापा भले ही दूर रहे हो लेकिन उन्होंने किसी चीज की कमी का एहसास नही होने दिया ।साथ ही हमारे गुरूजनो ने भी बहुत सहयोग किया हम सभी का ह्रदय से आभार व्यक्त करते है ।

कशिश बेगम बाजार भगवतपुर मोड पर रहकर अपनी मम्मी व छोटे भाई सत्यम के साथ पढाई करती है ।वह मूल रूप से विकास खंड भगवतपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत चिरला मुन्जफता की निवासी है,गांव मे उनके दादा ऊदल सिंह सहित परिवार के अन्य लोग रहते है ।कशिश सिंह के दादा ऊदल सिंह भी अपनी पोती की सफलता से काफी गदगद है उनका कहना है कि बेटी हमारी एक दिन जरूर कुछ बड़ा करके हमारा और हमारे परिवार ग्राम समाज सहित  देश का नाम रोशन करेगी ।

कशिश सिंह व उनके परिवार ने RD NEWS टीम का भी आभार व्यक्त किया ।

मिथलेश कुमार वर्मा 

संपादक के साथ  मनीष कुमार/रक्षा वर्मा 

की रिपोर्ट 

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